प्यार के परिंदे

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1दिल्लगी में हो, ना जाना इतने मशगूल की सही गलत का फर्क भी जाओ भूल दिल लगाना किसी ऐसे शख्स से जिससे हर बात कह सको पूरे हक़ से अक्सर जल्दी बाजी में दिल लगा बैठते हैं लोग जहां देखी सूरत सोनी वही मर मिटते हैं लोग सुनो कहीं प्यार में पछताना न पड़े ये है एक सजा, यूं ही नहीं कह कर गए बड़े हो,ना जाना किसी के प्यार में अंधे की चौपट हो जाए तुम्हारे सारे धंधे सोच समझ कर दिल लगाना जी साथ में हकीकत को भी अपनाना जी बाकी जो होगा देखा जाएगा कौन छोड़ता है