ये कहानी आपको हिलाकर रख देगी। कहानी खंजरीला घाट भाग - 1कड़ाके की सर्दी आने में अभी एक माह शेष था मगर फिर भी ठंड काफी हद तक दस्तक दे चुकी थी। रात को तो काफी ठंड हो जाती थी। आज इतवार का दिन था। इसलिए मैं घर में सोफे पर बैठकर अपने मोबाइल में कुछ उंगलियां मार रहा था। मैं एक टैक्सी ड्राइवर था। मेरे पास खुद की एक टैक्सी थी। मेरे गांव गोपालपुर और शहर के बीच में 20 किलोमीटर की दूरी थी। मैं इसी रूट से यात्रियों को लाता और ले जाता था। हालांकि इतवार को भी