पण्ढरपुर से पचास कोस की दूरी पर औंढ़िया नागनाथ एक प्रसिद्ध शिवक्षेत्र है। यहीं पर यजुर्वेदी ब्राह्मण कुल में विसोबा का जन्म हुआ था। सराफी का काम करने के कारण ये 'सराफ' कहे जाते थे। विसोबा के घर में साध्वी पत्नी और चार लड़के थे। घर से ये सम्पन्न थे। इनका गृहस्थ जीवन सादा और पवित्र था। घर के कामकाज करते हुए भी इनके मुख से बराबर पाण्ड़ुरंग का नाम निकला करता था और चित्त उन्हीं श्रीविट्ठल में लगा रहता था। अतिथि सेवा तो गृहस्थ का सर्वोपरि कर्तव्य है। इनके यहाँ से कभी भी अतिथि बिना सत्कार पाये जाता नहीं