द्रोहकाल जाग उठा शैतान - 11

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एपिसोड ११ □□□□□□□□□□□□□□□□ राहजगढ़ जंगल के बीच से गुज़रने वाली एक कच्ची सड़क के किनारे, धीमी गति से चलती धुंध में एक घोड़ा-गाड़ी खड़ी देखी जा सकती थी। रथ के आगे दो घोड़े बंधे थे और घोड़ों के पीछे लकड़ी की बनी एक कुर्सी थी, शायद ड्राइवर के लिए। कुर्सी के बायीं और दायीं ओर एक-एक लाल लालटेन जल रही थी। उस लकड़ी की कुर्सी के पीछे लकड़ी का बना हुआ एक बक्सा था। डिब्बे में जाने के लिए एक आधा लकड़ी का और शीशे का ऊपरी दरवाज़ा था। उस शीशे से दिख रहा था कि अंदर एक लाल रंग