चांद की छाया में दहाड़ राजस्थान की रहस्यमयी कहानी - 2

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*अध्याय 2: अतीत के पन्नों को पलटना**जयंत अपने चाचा रविंद्र के साथ गुफा में लौटा, उसके दिमाग में सवालों का जाल घूम रहा था। रविंद्र मशाल जलाकर गुफा की दीवारों पर बने चित्रों की ओर इशारा किया। ये चित्र प्राचीन राजवंश के शासनकाल के दृश्यों को दर्शाते थे, साथ ही कुछ विचित्र प्रतीकों को भी दिखाते थे।"ये प्रतीक पीढ़ियों से चले आ रहे हैं," रविंद्र ने समझाया। "वे उस शक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसे राजवंश ने हासिल करने की कोशिश की थी, वही शक्ति जिसने श्राप को जन्म दिया।"जयंत ने सोचा, "तो श्राप असली था?""हाँ," रविंद्र ने पुष्टि की।