अक्षा का ऑडिशन में सलेक्शन से बहुत खुश थी उसे याद नहीं था कल शाम विक्रम ने उससे बतमीजी किया था ...अगली सुबह रणविजय एकदम सुबह ही सिंगापुर से भारत पहुंचे और अपने विला आया वो बहुत खुश था कि दो दिन बाद अक्षा से मुलाकात होगी सोचकर जब वो घर के दरवाजे पर कदम रखा तो उसके दिल कि धड़कन तेज थी पता नहीं कैसे पर आजकल अक्षा के याद आने मात्र से उसके दिल के धड़कन तेज होती है वो हॉल में आया और सोफे पर बैठा सिराज उसका पर्सन सेक्रेटरी रणविजय के लगेज लेकर अंदर आया और