कल्पना से वास्तविकता तक। - 12

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अगर आप इस धारावाहिक को पूरा पढ़ना चाह्ते हैं तो , आपको हमारी प्रोफाइल पर इसकी पूरी सीरीज शुरुआत से मिल जाएगी। उम्मीद भी बहुत बुरी चीज़ है ,जब तक मिलती नहीं तब तक मिलने की तड़प रहती है ,और जब मिलकर टूट जाए तो नाउम्मीदी से भी ज्यादा दुःख देती है…. तभी तो कहते है कि “”उम्मीद भले हमें कुछ देरी से दो या न ही दो,पर यूँ देके उम्मीद हमें भी उसके साथ,तोड़ जाने की गुस्ताख़ी तुम मत करना। “”रेयॉन की बातें सुनकर सब के मन में एक बार फिर से उम्मीद की किरण जाग जाती है। “आपके