शुभ प्रभात

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1. शुभ प्रभात- कितना अपनापन लिए लगती थी प्रातः काल की वह बेला, जब सूर्योदय से पूर्व ही नित्य अमित गाँव से शुभ प्रभात सन्देश सुबह - सुबह शहर में अमन को मिल जाता। उसे लगता कि वह चाहे तन से शहर में है लेकिन मन से अब भी अपने उन साथियों के साथ ही गाँव में है, जिनके संग खेलकर उसका यादगार बचपन बीता था। वो लमकटिया की धार, गरुड़िया गधेरा और लुटाणी के बंजर खेत सहज ही मानस पटल पर छा जाते। जहाँ वे दोनों निश्छल दोस्त जानवर चराते हुए मस्ती किया करते। हर छ: महीने में ग्वाल