इस कहानी को पाठको द्वार बहुत अच्छा सम्मान मिल रहा है ।मैं पाठकों को धन्यवाद देता हूँ। शेखर ,सिम्मी को ले कर सोच रहा है।अमेरिका वाली सहेली कहाँ से लाऊँ।सिम्मी भाभी झूठ कहा कर फ़स गई है।मुझे कुछ करना होगा। वेदांत बॉम्बे जाने को सोच रहा है ।राज सर के दिल को तोड़ना नहीं कहता।अपने फ़िल्म प्रोडक्शन का काम शेखर को सौप ही दिया है।वेदान्त रामु काका को सब अपने दिल का बात बता रहा है।काका कहता है- बेटा, तुम एक बार सिम्मी बेटी के माँ -बाप से मिल कर सिम्मी के हांथ मांगने का प्रस्ताव रख दें।तुम सिम्मी से