एक थी नचनिया - भाग(३६)

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इधर जुझार सिंह ने शुभांकर को कलकत्ता से बुलवा लिया और खुद वो कलकत्ता चला गया,क्योंकि कलकत्ते का कारोबार भी तो देखने वाला कोई ना कोई चाहिए था,अभी शुभांकर को आए दो ही दिन हुए थे,वो वैसे भी कलकत्ता छोड़कर यहाँ आना चाहता था क्योंकि उसे माधुरी से मिलने का बहाना चाहिए था और योजना के तहत शुभांकर को एक दिन माधुरी ने थियेटर बुलवा भेजा,शुभांकर वहाँ पहुँचा तो उसने वहाँ मौजूद लोगों से माधुरी के बारें में पूछा तो लोगों ने कहा कि माधुरी जी शायद मेकअप रुप में होगीं,वो वहाँ अपना मेकअप करवा रहीं होगीं,शुभांकर खुशी खुशी मेकअप