एक थी नचनिया - भाग(३५)

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और अब इस विषय में डाक्टर मोरमुकुट सिंह से बात की गई तो वे बोले.... "क्या शुभांकर के मन में माधुरी के प्रति गलतफहमी पैदा करना ठीक रहेगा? अगर उसने इस बात को दिल से लगा लिया तो फिर तो उसका बुरा हाल हो जाएगा", "यही तो हम सब चाहते हैं कि शुभांकर का बुरा हाल हो तब तो उस जुझार सिंह की अकल ठिकाने आऐगी,उसे भी तो पता चले कि अपनों को जब कष्ट पहुँचता है तो कैसा लगता है",रामखिलावन बोला..... "हाँ! जिस तरह से जुझार सिंह ने कस्तूरी जीजी को दर्द दिया है उसी तरह का दर्द उसे