नानी बाई रो मायरोनानी बाई ने (मायरा) भात भरने के लिए नरसी जी को बुलाया। नरसी जी के पास भात भरने के लिए कुछ नहीं था. वह निर्धन थे लेकिन भगवन की भक्ति का खजाना भरपूर था. वो कहते थे कि - हम्हे अपनी चिंता कियो करनी, हमारी चिंता करने के लिए भगवान बैठे हैं। जब नरसी जी के पास भात का सन्देश आया तो सामानों की लिस्ट देखकर चिंतित हो उठे और आर्त भाव से अपने भगवान को पुकारा - “हे साँवरिया सेठ! हे गिरधारी ! नरसी मेहता को तो कोई नहीं जाने, तुमको जाने है संसार, चिट्ठी मेरी