फिर इसी तरह से एक दिन बीत गया।यश सुबह- सुबह जल्दी कालेज चला गया और फिर बिमल घर में पुरे समय कुछ न कुछ काम किया करते थे और फिर शांता को यह समझा दिया कि बाबूजी का कमरा भी एक दम साफ़ सुथरा कर दो,पर्दे,सोफा कवर, बेडशीट वैगरह सब बदल का ठीक ठाक कर दो।शांता ने सर हिलाते हुए सब कुछ ठीक कर के चली गई।बिमल ने दोपहर को सरिता को कह कर सब बाबूजी के पसंद का खाना भी बनवा दिया !सरिता ने कहा शाम को आठ बजे तक आकर चाय नाश्ता सब कर दूंगी।बिमल ने कहा हां