नाम जप साधना - भाग 15

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नाम जप पर पूज्य श्रीजयदयाल गोयन्दका जी के विचारभगवान् के नाम की महिमा अनन्त है और बड़ी ही रहस्यमयी है। शेष, महेश, गणेश की तो बात ही क्या, जब स्वयं भगवान् भी अपने नाम की महिमा नहीं गा सकते – 'राम न सकहि नाम गुन गाई' तब मुझ सरीखा साधारण मनुष्य नाम-महिमा पर क्या कह सकता है? परन्तु महापुरूषों ने किसी भी निमित्त से भगवान् के गुण गाकर काल बिताने की बड़ी प्रशंसा की है। इसी हेतु से नाम महिमा पर यत्किञ्चित् लिखने की चेष्टा की जाती है। भगवन्नाम की महिमा सभी युगों में सदा ही सभी साधनों से अधिक