"अरे यार अब ये चीनी का डिब्बा कहाँ रखा है? नीलू ने जाने कहाँ रखा है? फ़ोन मिला कर फिर से पूछना पड़ेगा।" आकर्ष किचन में डब्बो से उलझता हुआ बड़बड़ा रहा था।अभी आकर्ष जेब में से फ़ोन निकाल कर निलांजना को कॉल करने ही वाला था कि सामने उसे चीनी का डिब्बा दिख गया।"तुम सब उसके गुलाम हो, "चमचे" हो "चमचे" नीलू का नाम लेते ही खुद ब खुद सामने आ जाते हो। दरअसल तुम सब डरते हो नीलू से। " चाय बनाते बनाते आकर्ष खुद से ही बड़बड़ाए जा रहा था।कुछ देर में चाय लेकर आकर्ष बालकनी में