एक थी नचनिया - भाग(३२)

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और उन्होंने इस विषय पर डाक्टर मोरमुकुट सिंह से सलाह मशविरा किया तो वे बोले.... "उपाय तो अच्छा है लेकिन एक खतरा है इसमें," "वो भला क्या",माधुरी ने पूछा.... "वो ये कि कभी किसी अखबार के किसी इश्तिहार में जुझार सिंह ने रागिनी की तस्वीर देख ली हो तो वो तब इन्हें फौरन ही पहचान लेगा"डाक्टर मोरमुकुट सिंह बोले.... "हम रागिनी को गाँव की लड़कियों की तरह तैयार करेगे,इसलिए वो कभी भी इसे पहचान ही नहीं पाएगा,उस पर से ज्यादातर ये घूँघट में रहेगी तो पहचानने का सवाल ही नहीं उठता"माधुरी बोली... "तब ठीक है,मुझे कोई दिक्कत नहीं",मोरमुकुट सिंह बोला....