अन्धायुग और नारी - भाग(४७)

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"ओह...तो ये बात है,शमा उस बात को लेकर आपको धमकी दे रही थी",हमने शबाब से कहा..."हाँ! इसलिए वो हमें इस बात को लेकर अकसर धमकाती रहती है"शबाब बोली..."ख़ुदा ना ख़्वास्ता अगर नवाब साहब तक ये बात पहुँच गई तो तब क्या करेगीं आप"?,हमने शबाब से पूछा...."तब की तब देखी जाएगी मर्सिया बेग़म! अब तो हमें आदत सी हो गई है तनहाइयों में रहने की"शबाब बोली..."कभी सोचा है आपने कि नवाब साहब रुबाई बेग़म का क्या हाल करेगें अगर उन्हें कुछ पता चल गया तो,आपने जानबूझकर खतरा मोल क्यों ले लिया",हमने शबाब से पूछा..."अब जो भी अन्जाम होगा सो देखा जाएगा,कब