अन्धायुग और नारी - भाग(४५)

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शमा अब वहाँ से जा चुकी थी,शमा की ऐसी हरकत पर हमें बहुत गुस्सा आया और हमने शबाब से कहा... "आप इसे इतना बरदाश्त क्यों करतीं हैं,ये तो बड़ी बतमीज है" "हाँ! कुछ लोगों को ना चाहते हुए भी बरदाश्त करना पड़ता है",शबाब बोलीं... "आखिर! ऐसा क्या है जो वो आपको धमका रही थी और आप उससे कुछ कह भी ना पाईं", हमने शबाब से पूछा... "उसे हमारा कोई राज पता है इसलिए वो हमारे साथ ऐसा करती है,वो राज छुपाने के एवज़ में हमें उसे हर महीने कुछ रकम चुकानी पड़ती है",शबाब बोली.... "आखिर वो राज क्या है?",हमने पूछा...