प्यार-प्यार शादी-वादी

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प्यार-प्यार शादी-वादीजब सभी लोग फलों के रस से बनी पूंश नामक हल्की शराब पी चुके , तो हमारे माता - पिता ने फुसफुसाकर आपस में कुछ बातें कीं और वे हमें उस कमरे में अकेला छोड़कर बाहर चले गए । मेरे पिता ने जाते - जाते फुसफुसाकर मुझसे कहा , ' चल , आगे बढ़ और उससे बात कर । ' - ' अरे बाऊजी , अगर मैं इससे प्यार नहीं करता हूं , तो कैसे जबरदस्ती मैं इससे यह कह सकता हूं कि मैं तुम्हें चाहता हूं । ' ' यार ! तुझे इससे क्या लेना - देना है