वो श्याम सलोनी - 1

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वो एकटक बगीचे के फूलों को निहार रही थी रंग रूप पर उसने कभी खुद से ध्यान ही नहीं दिया था क्योंकि उसने हमेशा अपने पापा से यही सुना था की बच्चे इंसान का मन साफ होना चाहिए रंग और खुबसूरती तो एक उम्र के बाद खत्म हो जाती है रह जाती है तो बस की सुंदरता! यही वजह थी की उसने लोगों की बातों को हमेशा इग्नोर किया था लेकिन आज उसे दर्द हो रहा था और साथ ही शिकायत भी उस ईश्वर से ! क्योंकी आज अपने सावले रंग की ही वजह से उसने उसे खो दिया था