एहिवात - भाग 21

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जुझारू ने पत्नी तीखा से कहा कि अब सौभाग्य के बियाहे में देर कईले के जरूरत नाही बा राखु के वियाहे खातिर एक से बढ़कर एक रिश्ता आवत रहे ऊ त राखु वियाहे खातिर राजी होते नाही रहेंन पाता नाही सौभाग्य के भागी भगवान के कृपा राखु सौभाग्य से वियाहे खातिर राजी होई गइलन।   जब भगवान एतना मेहरबान है त हमहू के उनकी कृपा के बेजा ना करके चाही अब जेतना जल्दी होई सके ओतना जल्दी सौभाग्य के वियाहे के दिन बार तय करीके वियाह कर देबे के चाही तीखा बोली ठीके कहत हव अब देर जिन कर जा