असमर्थों का बल समर्थ रामदास - भाग 27

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सत्वगुण लक्षण सारइंसान की युद्ध करने की वृत्ति को तमोगुण माना जाता है। लेकिन वही युद्ध अगर सत्य के लिए, किसी की रक्षा के लिए, दुष्टों का संहार करने के लिए किया जाए तो यह सत्वगुण लक्षण माना गया है। अर्थात दूसरों की भलाई के लिए किया गया अव्यक्तिगत कार्य को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, फिर चाहे वह युद्ध ही क्यों न हो।सत्वगुण शुद्ध गुण है यानी सत्वगुणी इंसान में कपट, ईर्ष्या आदि तरह के मन के विकारों की मिलावट नहीं होती। सत्वगुणी इंसान मननशील होता है। इसलिए उसका व्यवहार भी विवेकपूर्ण होता है। विकार रहित निर्मल मन को