सुबह के चार बजने वाले थे काव्या ने अपनी आँखे खोल कर अपनी साइड में सोए हुए मानिक की तरफ देखा काव्या के पूरे शरीर में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था मानिक को देख उसकी आंखे आसुओ से भर गई किसी तरहा खुद को संभाल अपने आंसू पोछते हुए काव्या कपड़े पहन कर नीचे अपने रूम में आकर लेट गई।सुबह हीं क़ाव्या के मम्मी पापा को किसी काम से बाहर जाना पड़ा जिस वजह से घर में काव्या और उसकी कजन सिस्टर अनु अकेली थी तभी नीचे आकर मानिक ने अनु को उसके लिए एक कप कॉफी बनाने के