एहिवात - भाग 19

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प्राचार्य का दूसरा निर्देश अगले दिन नाटक का विद्यलय में रिहर्सल के लिये था जिसके लिये सौभाग्य को लाने कि जिम्मेदारी चिन्मय को देते हुए समय से रिहर्सल सम्पन्न कराने कि जिम्मेदारी जोगिन्दर सिंह कि थी। दूसरे दिन जोगिंदर सिंह ने नाटक के पूर्वाभ्यास सत्र का आयोजन किया को बेहद सफल रहा सबने नारी पात्र के रूप में सौभाग्य को सराहा और उसके चयन को सही ठहराया।   अस्मत नामक आदिवासी संस्कृति आधारित नाटक का मंचन शुरू हुआ सारा विद्यालय बड़े धैर्य शांति से नाटक का रिहर्सल देखने के लिए एकत्र था चिन्मय सौभाग्य आदि ने अपने अपने पात्रों के