जिंदगी के रंग हजार - 8

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सन 1971 में मेरा रिश्ता तय हो गया था।रिश्ता तय का मतलब चट मंगनी पट ब्याह नही।आजकल तो हो जाता है।लेकिन मेरे साथ ऐसा नही हुआ।सितम्बर1971 में सगाई हुई और शादी जून1973 में हुई इसकी वजह थी मोहरत का न होना।वैसे आजकल जन्मपत्री मिलाने का सिर्फ नाटक होता है क्योंकि अगर जन्मपत्री न मिले या मोहरत न निकले तो पंडित उल्टे सीधे रास्ते से सब कुछ कर देते हैंलेकिन न हमारी तरफ से न ही लड़की पक्ष की तरफ से ऐसा प्रयास किया गया।जो मोहरत निकला उसी को मानकर शादी का निर्णय लिया गया।और इस लम्बे दौरान के बीच दोनों