एहिवात - भाग 14

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चिन्मय आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का होनहार छात्र तो था ही विद्यालय का गर्व था । विद्यालय के प्राचार्य चन्द्र वदन चतुर्भुज कठोर अनुशासन एव नियम के सख्त व्यक्ति थे दस बजे विद्यालय का मुख्य द्वार बंद कर दिया जाता था किसी को भी एक मिनट बिलंब से आने की अनुमति नही थी फिर चाहे वह छात्र हो या अध्यापक फिर चार बजे शाम को ही खुलता इस दौरान कोई छात्र या अध्यापक विद्यालय कि बाउंड्री पार नही कर सकता था ।   आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्रवेश मिलना ही बहुत बड़ी बात थी चिन्मय को अध्ययन के लिए