यत्र पूज्यन्ते नार्यस्तु - भारत वर्ष - 3

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क्रमशः..... इससे समाज मे नारी के लिए सम्मान और उत्कृष्ट आचरण भी सहजता से निर्दिष्ट हो रहा है। मूढ़ तोहि अतिसय अभिमाना । नारी सिखावन करसि काना ।। अर्थात भगवान राम सुग्रीव के बड़े भाई बाली के सामने स्त्री के सम्मान का आदर करते हुए कहते हैं, दुष्ट बाली तुम अज्ञानी पुरुष तो हो ही लेकिन तुमने अपने घमंड में आकर अपनी विद्वान् पत्नी की बात भी नहीं मानी और तुम हार गए। मतलब अगर कोई आपको अच्छी बात कह रहा है तो अपने अभिमान को त्यागकर उसे सुनना चाहिए, क्या पता उससे आपका फायदा ही हो जाए। यहां भी