जिन्नातों की सच्ची कहानियाँ - भाग 30

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महबूब जिन्न, भाग 9By :- Mr. Sonu Samadhiya 'Rasik 'विशेष - यह कहानी सत्य घटना से प्रेरित है।पिछले अध्याय से आगे....“मुझसे दूर रहो.. मनहुश जिन्न, मैंने पूछा न मेरे शकील और मेरी अम्मी के साथ तुमने क्या किया?” “वो सब अपने किए की सजा भुगत रहें हैं।” “किस बात की सजा.....?” - शबीना ने अपने कदम पीछे खींचते हुए कहा। “हमारे बीच पड़ने की सजा।” - जिन्न ने मुस्कुराते हुए कहा। “शकील कहाँ है? आख़िरकार तुमने उसके साथ किया क्या है? क्या चाहते हो तुम मुझसे?” “मैं तुम्हें चाहता हूँ, उस वीरानी रात में तुमने आकर मेरी रातें रंगीन बना