महबूब जिन्न, भाग 8By :- Mr. Sonu Samadhiya 'Rasik 'विशेष - यह कहानी सत्य घटना से प्रेरित है। लेखक पाठकों से अपने विवेक से काम करने की सलाह देतें हैं ।पिछले अध्याय से आगे....“वो अब्बू मेरे गले में थोड़ा टाइट था, तो उसे कमरे में ही रख दिया है।” “पानी से बापस आकर पहन लेना और हाँ, कुरान शरीफ नहीं मिल रहा जब से तुम्हारी अम्मी बीमार हुई हैं, उसे भी ढूंढ देना ठीक है।” “जी अब्बू अभी आई... ।” शबीना जब पानी लेकर वापस लौट रही थी कि तभी उसने कुछ ऎसा सुना कि उसके पैरों तले जमीन खिसक