महबूब जिन्न, भाग - 6 By :- Mr. Sonu Samadhiya 'Rasik 'विशेष - यह कहानी सत्य घटना से प्रेरित है।पिछले अध्याय से आगे....“हाँ, शबीना बेटा...! रात को गाँव वाले और हम सब तुम्हें ढूंढ रहे थे। हर जगह ढूंढने के बाद जब तुम हमें नहीं मिली तो गाँव वालों को शक़ हुआ कि तुम्हें जिन्नात उठा ले गए हैं, लेकिन रात होने की वजह से सभी लोग जिन्नातों के डर से उजड़ी मस्जिद नहीं गए, सभी लोगों ने सुबह जाने का फैसला किया और जब सुबह सभी वहां गए तो तुम हमें बेहोश मिली।” “मैं वहां कैसे पहुंच गई?” “तुम्हें