नाम जप साधना - भाग 10

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नाम जप और चिंतनभाय कुभाय अनरव आलसहुँ। नाम जपत मंगलदिसि दसहूँ।। नाम किसी भी भाव से किसी भी प्रकार जपो, दसों दिशाओं में मंगल ही मंगल है। नाम जप करते समय अगर मन से भगवान् के रूप या लीलाओं का चिंतन किया जाए तो भजन बहुत जल्दी अपना असर दिखाने लगता है। चिंतन में सहज भाव से प्रवेश करें। मन से ज्यादा खींचा तानी ना करें। सबसे पहले अपने खान-पान को सात्विक करें। कुसंग का त्याग करें, वाणी पर संयम करें। प्रतिदिन धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करें, सत्संग करें। इस तरह थोड़ी सी सावधानी से मन में अपने आप सत्वगुण