रेवती - 1

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आज फिर से रोज सुबह की तरह रेवती नहा धो कर चाय के इंतजार में अपने बिस्तर पर बैठी हुई बार बार कमरे के बाहर देखती रही। रेवती जानती है कि बहु और बेटा नौ बजे से पहले नही उठेंगे, लेकिन शायद यह रेवती का रूटीन बन गया है। खुद किचन में भी तो नहीं जा सकतीं। किचन बेटा बहू के बेडरूम से लगा हुआ है, किचन में खट पट होगी तो फिर से बहु चिलाएगी। अभी दो दिन पहले ही की तो बात है, जब आधी रात को सर मे तेज दर्द हुआ तो गर्म पानी के साथ दवा