हॉंटेल होन्टेड - भाग - 48

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हॉंटल हॉन्टेड - भाग - 48 दोपहर का वक्त था पर मौसम कुछ इस कदर ख़राब था जैसा वो भी किसी के जाने का शोक मना रहा हो,आसमान मैं घने बादल छाए हुए थे, सर्ज हवाएं बह रही थीं,चारो तरफ धुंध की चादर बिछी हुई थी पर एक जगह कॉलेज के compound मैं हलचल मची हुई थी। साले मुझे अभी तक ये समझ नहीं आया कि तू select कैसे हुआ?तेरा प्रोजेक्ट तो महा वाहियाद बना था। हर्ष ने आंशिका के गले में हाथ डालते हुए सामने चॉकलेट खा रहे अविनाश से पूछा। अबे तुझे क्या लगता है ऐसा प्रोजेक्ट में कभी बना सकता हूं, ये प्रोजेक्ट तो निधि