संत कबीर सत्य के प्रतीक

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संन्त कबीर सत्य के प्रतीक----कबीर ऐसे व्यक्तित्व जिनके विषय में स्पष्ट कहा जा सकता है कि संत सत्य निरपेक्षता के जाग्रत परिभाषक़ एवं जन्म जीवन की सार्थकता के क्रम भाष्य थे कबीर को संत सामाजिक जागृति के शिखर या आत्मीय बोध के ईश्वरीय सत्य स्वीकार करने में कोई संकोच नही होना चाहिये कबीर स्वयं के जन्म दाता एव जाती की तलाश करते रहे जो उन्हें स्प्ष्ट रूप से जीवन पर्यंत प्राप्त नही हुआ कबीर दास जी ने स्वयं लिखा है --#काशी का बासी ब्राह्मिन मैं नाम मेरा परवीना एक बार हरि नाम न लीन्हा पकरि जुलाहा कीन्हा#कबीर दास जी के