पौराणिक कथाये - 25 - रंगों के त्यौहार में भंग

  • 2k
  • 753

रंगों का त्यौहार होली बहुत ही पावन पर्व है। यह त्यौहार प्रेम सौहार्द का प्रतीक है। होली के दिन पुरुष, स्त्री, बड़े, बच्चे सभी एकजुट होकर रंगों से खेलते हैं। इस दिन पूरा समाज होली के सतरंगी रंग में रंग जाता है। इस दिन सभी एक दूसरे के गले मिलते हैं।होली की शुभकामनाएं देते हैं। भिन्न भिन्न प्रकार की स्वादिष्ट व्यंजनों का सेवन करते हैं। तो वहीं कुछ पुरुष वर्ग शराब का सेवन कर रंग में भंग डाल देते हैं ।नशे की हालत में महिलाओं से बदतमीजी करते हैं , कुछ तो खुद ढंग से चल भी नहीं पाते हैं।