हास्य का तड़का - 17

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किसी ने अर्ज़ किया है - "आपकी स्माइल बहुत प्यारी है "हमने अर्ज़ किया है - "तभी तो तुमने हमपे तिरछी नज़र डाली है"एक शायर ने अर्ज किया--महफिल में हमारे जूते खो गए... तो हम घर कैसे जाएंगे ? वाह वाह महफिल में हमारे जूते खो गए... तो हम घर कैसे जाएंगे ? इतने में भीड़ में से किसी ने कहा - 'आप शायरीतो शुरू कीजिए..इतने मिलेंगे कि आप गिन नहीं पाएंगे'!!! मेरी चाय से नफरत और हमसफर की चाय से बेइंतहा मोहब्बत अक्सर घर में भारत पाकिस्तान के जंग सा माहौल बना देती हैं उस पर चाय बनाने का