भरोसा - भाग 6

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भाग – ६ सुबह सुबह चिडिया कि आवाज से चाची कि निंद खुली तब तक बुधिया भी उठ गयी थी. दोनों ने ब्रश कर लिया था और अब दोनों को चाय कि तलब लग रही थी. तब चाची बोली, “ बेटी सुबह के चाय कि बहोत तलब उठ रही है.” तभी बुधिया बोली, “ हा चाची, तलब तो मुझे भी लगी है, लेकीन क्या करे हम दुसरे के घर पर है. अपने घर पर होते तो क्या मै तुम्हे कुछ बोलने देती.” तभी पीछे से ममता कि आवाज आयी, “ मां जी मै भी आपको कुछ बोलने कहा दुंगी.” कहकर