राम नाम की ओषधि काटत सभी क्लेश

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         राम नाम की औषघि काटे सभी कलेश गौस्वामी तुलसी दास जी कहते हैं कि मनुष्य का तन शरीर खेत है ओर मन ,वचन, कर्म किसान है। जैसे किसान बीज बोता है वैसे ही हम मन, वचन और कर्म से बीज बोते हैं वे बीज जिन्हे हम बोतें हैं वे पाप और पुन्य के दो बीज हैं इंसान अपने जीवन रूपी खेत  में इन दो बीजों को बोता हैं एक पाप का बीज और दुसरा पुन्य का बीज। पाप का बीज ही आगे चल कर क्लेश का मूल है और पुन्य का बीज कष्ट प्रद होते हुये भी शांति और