वाजिद हुसैन की कहानी - मार्मिक एक संतरी जेल की वर्कशॉप में आया, जहां नवजोत बड़ी लगन से औज़ारों की मरम्मत कर रहा था। वह नवजोत को सामने वाले दफ्तर में ले गया। वहां जेलर ने नवजोत को उसका रिहाई आदेश थमाया। नवजोत ने उसे थके से अंदाज में लिया। वह नौ महीने जेल में काट चुका था। उसने तो अधिक से अधिक तीन महीने जेल में रहने की अपेक्षा की थी। 'देखो नवजोत, 'जेलर ने कहा, 'तुम्हें सुबह छोड़ दिया जाएगा। तैयार हो जाओ और आदमी बनो। तुम दिल के बुरे नहीं हो, पढ़े लिखे हो, अच्छे घर से