एक क़स्बे में दो घनिष्ठ मित्र रहते थे,बात आज़ादी के तुरंत बाद की हैं,एक धनी था,एक इतना धनी नहीं था,रोज़ाना कमाना और गुजर बसर करना,पर दोस्ती की लोग मिसाल दिया करते थे.दोनों दोस्त अपने-अपने माँ बाप की इकलौती संतान थे.एक दिन दोनों दोस्त साथ-साथ अपने-अपने घरों को जा रहे थे,विदा लेते समय निर्धन दोस्त ने अपने दोस्त से १० रुपये उधार माँगे,धनी दोस्त ने देर नहीं की देने में और बोला कुछ और चाहिए तो बता,नहीं-नहीं मुझे तो बस १० रुपये ही चाहिए.अगले दिन धनी दोस्त अपने दोस्त का इंतज़ार करता रहा, सुबह से दोपहर हो गईं,आपस में नहीं मिले