हास्य का तड़का - 12

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किसी को क्या बताए कितने मजबूर थे हम जिसे चाहा सच्चे दिल से उसी से दूर थे हम कितनी बार कहा है ज्यादा सोचा मत करो गर्मियां आ गयी है सूर्य देव के कहर बरसाने का समय आ गया है एसी, कूलर,फ्रिज के ठंडे पानी औरआइसक्रीम ,कुल्फी की बात कर रहे हैं । अर्ज़ किया है - तेरी खूबसूरत अदाएं दिन में चाँद का टुकड़ा बनके मेरे मन को लुभाती है वाह वाह तेरी खूबसूरत अदाएं दिन में चाँद का टुकड़ा बनके मेरे मन को लुभाती है और रात को तू मेकअप उतार मुझे चुड़ैल बन के डराती है अब