ज़िन्दगी के पन्ने

  • 8.8k
  • 1
  • 3k

"ज़िंदगी के पन्नों पर ख्वाब लिखे थे... हर एक अरमान दिल से लिखे थे... ज़िंदगी चलती रही और पन्ने बिछड़ गए...!" हर एक पल, हर एक लम्हा, ज़िंदगी की किताब का एक खास पन्ना था हमारा। खुद से जुड़ी हुई तस्वीरें, सपनों का जहाँ, और दिल से निकले अरमान - सब कुछ हमने उस किताब में लिखा था। ज़िंदगी एक कहानी थी, जिसमें हर सफर, हर मंज़िल, और हर मुसीबत, एक नया पन्ना खुलता था। हमने अपने ख्वाबों को लिखा था उन पन्नों पर, जैसे कि कोई कवि अपने गीत में अपने जज़्बात बयान करता है। दिल से जुड़ी हर