हॉंटेल होन्टेड - भाग - 42

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"कभी-कभी हम अपनी जिद और ख्वाहिशों मैं इतने अंधे हो जाते है कि हमे पता ही नही चलता की हम दूसरो के दिलो को कितनी तकलीफ पहुंचा रहे है,उस रात के हादसे के बाद आंटी ने उसे बहुत दूर भेज दिया और इसका असर यह हुआ की उसका दिल जैसे पत्थर सा हो गया,जिस बात को भूलने के लिए,उसको दूर रखने के लिए आंटी ने हमेशा कोशिश की मेरी वजह से वो दर्द एक बार फिर उसकी जिंदगी में आ गया।"आंखो से फिसलते हुए आंसु की एक बूंद मेरे हाथ पर गिरी, उन सब बातो के बारे मैं सोचते हुए