वो बिल्ली - 13

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(भाग 13) अब तक आपने पढ़ा कि रघुनाथ का सामना उस औरत से होता है। अगलें ही पल वह गायब हो जाती है। ग्रामोफोन पर वहीं गीत सुनाई देता ह जिसे वह डरावनी औरत गुनगुनाया करती थीं। अब आगें... गीत की आवाज़ बन्द होते ही कमरे में फिर से सन्नाटा पसरा गया। उस सन्नाटे को चीरती हुई रॉकिंग चेयर की आवाज़ एक बार फ़िर से कमरे में गूँज रहीं थीं। ..चर्र..चर्र..चर्र..चर्र.. "बन के रक़ीब बैठे हैं वो जो हबीब थे.." ग्रामोफोन पर गीत की एक पंक्ति फ़िर बज उठी औऱ बन्द हो गई। गीत के साथ रॉकिंग चेयर की आवाज़