(भाग 10) अब तक आपने पढ़ा कि रघुनाथ पंडितजी को अपने साथ लेकर घर आता है। पंडित जी तुरन्त घर खाली कर देने की सलाह देते हैं। अब आगें.. रघुनाथ को हिदायत देने के बाद पंडित जी ने आँगन में ईंट की सहायता से हवन कुंड बनाया। इसके बाद पूरे परिवार को हवन में शामिल होने के लिए बुलाया। सभी लोग आकर अपने -अपने आसन पर बैठ गए। किटी शोभना की गोद में गुमसुम सी बैठी हुई थीं। पंडितजी हवन कुंड में आम की सूखी लकड़ियां रख रहे थें। हवन कुंड के पास सारी हवन सामग्री (हव्य) रखी हुई थी।