(भाग 4) अपनी नन्हीं सी कली किटी को डरावनी महिला औऱ बिल्ली के साथ देखकर शोभना की स्थिति ऐसी हो गई मानो किसी ने श्राप देकर पत्थर बन जाने का कह दिया हो। बुत बनी शोभना न कुछ कह सकी न ही उसे अब कुछ सुनाई दे रहा था। अचानक ही कानों में सुन्न सी पिन चुभती आवाज़ आई औऱ शोभना की आँखों के सामने अंधेरा छा गया। शोभना धम्म से वही बैठ गई । हॉल में रात के सन्नाटे सी खामोशी के साथ अंधेरा पसरा हुआ था। शोभना के कानों तक अपने बेटे गोलू की आवाज़ इस तरह से