कलवाची--प्रेतनी रहस्य - भाग(६३)

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सभी के मध्य यूँ ही वार्तालाप चल ही रहा था कि रानी कुमुदिनी अचलराज से बोली.... "पुत्र अचलराज! मेरी एक इच्छा पूर्ण करोगे", "जी! कहें रानी माँ!",अचलराज बोला.... "मैं महाराज के दर्शन करना चाहती हूँ,इतने वर्ष बीत गए उन्हें देखे हुए",रानी कुमुदिनी बोलीं... "किन्तु! उनके दर्शन हेतु आपको तो राजमहल के कारागृह में जाना होगा,जहाँ उन्हें बंधक बनाकर रखा गया है",अचलराज बोला... "आपका वहाँ जाना सम्भव नहीं है माता!",भैरवी बोली... "यदि कालवाची चाहे तो मैं उनसे मिलने वहाँ जा सकती हूँ",रानी कुमुदिनी बोली.... "किन्तु! वहाँ आप पर कोई संकट आन पड़ा तो"कालवाची बोली.... "ऐसा कुछ भी नहीं होगा,मैं सावधान रहूँगीं",रानी