हर्ष, आंशिका, निधि, प्राची और अविनाश कॉलेज के पीछे गार्डन मैं बैठकर अविनाश की बातें सुन के हंस रहे थे तभी हर्ष हंसते हंसते शांत हो गया, जब उसकी नजर गार्डन मैं एंटर हो रहे अभिनव पे पडी, अभिनव की नज़र भी हर्ष पे पडी तो वो उसकी तरफ देखते हुए अंदर आया, उसको अपना पास आता हुआ देखकर हर्ष अपनी जगह से खड़ा हो गया, उसे खड़ा देख बाकी सब ने भी हंसना बंद कर दिया।सब उसकी तरफ़ हैरानी भरी नज़रों से देखने लगे, अभिनव चलता हुआ हर्ष के पास आया और उसे घूरते हुए कहा "ज्यादा दिन की हंसी नहीं है ये