(जिस तरह गौरी का घर शादी के माहौल में जगमगाया हुआ था वैसा राजवीर का घर बिलकुल ना था, गौरी गाड़ी से उतरते ही चारो तरफ नज़रे दौड़ाने लगी, घर के नौकरों के आलावा कोई रिश्तेदार नहीं लग रहा था, बारात से वापस लौटते समय ही बैंड-बाजे वाले चले गए थे, राजवीर के कहने पर घर के नौकर गौरी का सारा सामान गाड़ी से निकाल कर उसके कमरे में शिफ्ट करने लगे, गौरी मन ही मन सोचने लगी "शायद अमीर लोग ऐसे ही शादी करते हैं", एक औरत आयी वो गौरी को उसका कमरा दिखाने के लिए अपने साथ ले