निराश चहेरे के साथ फाल्गुनी और अमृता स्टूडियो से बाहर निकलीं। 'हम कब तक इस तरह धक्के खाते रहेंगे, यार? इतना सुंदर होने का क्या फायदा है जो हमें मॉडल बनने में मदद नहीं कर शकता?' फाल्गुनी ने निराश स्वर में कहा। फाल्गुनी सही कह रही थी, वो और अमृता वाकई बहुत खूबसूरत थीं। स्कूल और कॉलेज के नाटकों में एक सुंदरी की भूमिका निभाते समय पहले दो नाम फाल्गुनी और अमृता के ही लिए जाते थे। वो दोनों रूप की देवी थीं। जब करियर चुनने की बात आई तो दोनों ने मॉडलिंग में आने का विचार किया। और दोनों